Monday, October 17, 2011

नमस्कार

नमस्कार स्वागत है आप सब का शायरी की नई दुनिया में .आप यहाँ सिर्फ पुराने या फिर नए चुनिन्दा शायरों की शायरी हीं नहीं बल्कि
चन्द गुमनाम शायरों के आशकी से भी रूबरू होंगे .आप खुद भी अपने दिल के बगीचे .बेशकीमती फुल पेश कर सकेंगे .
तो आइये शायरी की नई दुनिया में दिल से दिल के एहसास को महशुश करते है .''सिर्फ शायरी हीं शायरी ''में
अर्ज़ है -
तुझे भूलना तो मुस्किल नहीं है जालिम पर क्या करू- इन हवाओं का जिसमे तेरी बेवफाई की महक बांकी है....

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