शायरी हीं शायरी
तू छेड़ ना यूँही मेरे दिले-जायज़ को,फिर दर्द हीं होगा फिर तुझे नुख्स हीं मिलेगा ...
Home
Tuesday, October 18, 2011
देखा जो हुस्ने यार तबियत मचल गई
आँखों का था कुसूर छुरी दिल पे चल गई
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment