1.अब नए साल की मोहलत नहीं मिलाने वाली
आ चुके अब तो शब् -ओ -रोज़ अज़ाबों वाले [Ahmed Faraz]
2.मुन्तजिर फूल में खुश्बू की तरह हूँ कब से -
कोई झोंके की तरह आये उड़ा ले जाए .. [Bashir Badr]
खुदा से मैंने एक दुआ मांगी दुआ में अपनी मौत मांगी-2
खुदा ने कहा तुझे तो मौत दे दूँ मगर उसे क्या दू जिसने दुआ में तेरी जिन्दगी मांगी .....(DIL-SE)
No comments:
Post a Comment