कभी दर्द से गुजरा था, वो अब सोचता हूं..
अजीब हिम्मत है तुझमे- सीखता हूं, सलाम करता हूं.
वो शब्द कहाँ जो लिख दू तेरी दस्ताने दरियादिली में दो टूक--
हम तो बस तेरे हौंसले को सलाम करते ,सलाम करते हैं.
तेरे इस कदर जाने से कुछ तो हुआ है....
अजीब है तू कल भी दूर थी ,पर आज की दूरी से गम हुआ है.
अजीब हिम्मत है तुझमे- सीखता हूं, सलाम करता हूं.
वो शब्द कहाँ जो लिख दू तेरी दस्ताने दरियादिली में दो टूक--
हम तो बस तेरे हौंसले को सलाम करते ,सलाम करते हैं.
तेरे इस कदर जाने से कुछ तो हुआ है....
अजीब है तू कल भी दूर थी ,पर आज की दूरी से गम हुआ है.
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