शायरी हीं शायरी
तू छेड़ ना यूँही मेरे दिले-जायज़ को,फिर दर्द हीं होगा फिर तुझे नुख्स हीं मिलेगा ...
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Tuesday, March 12, 2013
हांसिल करना मेरे जिद में नहीं
हांसिल करना मेरे जिद में नहीं ,वरना क्या मजाल थी तेरी ;
जो मुझसे बिना शिकवे -गिले किये दूर हो जाती ...
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